शिक्षाशास्त्र >> ईजी नोट्स-2019 बी.एड. - I प्रश्नपत्र-4 वैकल्पिक जैव विज्ञान शिक्षण ईजी नोट्स-2019 बी.एड. - I प्रश्नपत्र-4 वैकल्पिक जैव विज्ञान शिक्षणईजी नोट्स
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बी.एड.-I प्रश्नपत्र-4 (वैकल्पिक) जैव विज्ञान शिक्षण के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार हिन्दी माध्यम में सहायक-पुस्तक।
प्रश्न 6. विद्यालय पाठ्यक्रम में हाईस्कूल तक जीव-विज्ञान शिक्षण
अनिवार्य बनाने का कारण स्पष्ट कीजिये।(कानपुर 2009)
अथवा
"हाईस्कूल स्तर पर जीव-विज्ञान शिक्षण अपरिहार्य है।" इस कथन से आप कहाँ तक
सहमत हैं और क्यों?(कानपुर 2006)
अथवा
हाईस्कूल स्तर पर जीव विज्ञान शिक्षण की आवश्यकता एवं महत्व पर एक निबन्ध
लिखिए।(कानपुर 2013, 15)
उत्तर - पिछली शताब्दी तक दैनिक जीवन में जीव-विज्ञान की उपयोगिता देखते हुये भी पाठ्यक्रम में इसे उपयुक्त स्थान नहीं मिला था। यह सामान्य बुद्धिस्तर के छात्रों के लिये ही प्रस्तावित था। तीव्र बुद्धि छात्रों को गणित अथवा दर्शन के अध्ययन हेतु प्रोत्साहित किया जाता था।
हरबर्ट स्पेन्सर ने भी इस विषय की उपयोगिता स्वीकार की किन्तु पाठ्यक्रम में इसके स्थान पर दुःख प्रकट किया था। "हमारी सभ्यता के विकास में जीव-विज्ञान अत्यन्त सहायक है किन्तु इतना उपयोगी होते हुये भी पाठ्यक्रम में इसका स्थान बहुत नीचा है।" यहाँ तक कि सन् 1915 से पूर्व प्राथमिक व माध्यमिक कक्षाओं में विज्ञान को कोई स्थान नहीं दिया गया था।
आज जीव-विज्ञान ने पाठ्यक्रम में उपयुक्त व आदरपूर्ण गौरवमयी स्थान अर्जित कर लिया है। हमारे देश के अधिकांश राज्यों के माध्यमिक विद्यालयों में यह एक आवश्यक विषय है। उत्तर प्रदेश सरकार ने तो इसे हाईस्कूल कक्षाओं में अनिवार्य विषय के रूप में मान्यता दी है।
जीव-विज्ञान को क्यों पाठ्यक्रम में अनिवार्य कर दिया जाये? इस प्रश्न का उत्तर देने हेतु किसी विशिष्ट दृष्टिकोण से जीव-विज्ञान का मूल्यांकन करने की आवश्यकता नहीं है। अन्य विषयों की भाँति जीव-विज्ञान भी छात्रों को एक बुद्धिमान नागरिक के रूप में विकसित करने में सहायता करता है। इसके द्वारा भी वह सब विकास सम्भव है जो किसी भी अन्य विषय द्वारा हो सकते हैं। फिर भी किसी भी विषय को पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने से पहले उसके बौद्धिक, सांस्कृतिक, नैतिक सौन्दर्यानुभूति एवं उपयोगिता के दृष्टिकोण से मूल्यांकन करना उचित है। इस कारण जीव-विज्ञान का भी उपरोक्त दृष्टिकोणों से विश्लेषण करना समीचीन रहेगा।
बौद्धिक मूल्य
(Intellectual Value)
किसी भी विषय के बौद्धिक महत्त्व को उस विषय के माध्यम से सत्य अन्वेषण करने की क्षमता के विकास के आधार पर आँका जाता है, क्योंकि बुद्धि सत्य को जानने का सशक्त माध्यम है। अतः विज्ञान शिक्षण से मानव में उस चेतना का विकास स्वाभाविक रूप से हो जाता है जो सत्य के शुद्ध स्वरूप को जानने के लिये आवश्यक है। विज्ञान प्रदत्त विधि के उपयोग से व्यक्ति वस्तुनिष्ठ दृष्टिकोण विकसित करता है, जिससे उसकी मान्यतायें व पूर्वाग्रह सत्यान्वेषण में बाधक नहीं हो पाते हैं। उसमें ज्ञान को तर्क के आधार पर विवेचन करने की अद्भुत क्षमता उत्पन्न हो जाती है। विज्ञान हमें एक विशिष्ट तरीके से चिन्तन करने की प्रक्रिया में प्रशिक्षित करता है, जिससे हम अपने निरीक्षण में निष्पक्षता व अपने एवं अपने चारों ओर के वातावरण के विषय में गहनता से देखना सीखते हैं। यह हमें संवेगों से प्रभावित निर्णय करने से बचाता है और वास्तविकता के आधार पर परिस्थिति के प्रति प्रतिक्रिया करना सिखाता है, जिससे जीवन में निष्पक्ष, सत्य व आलोचनात्मक रुख अपनाने में बड़ी सहायता मिलती है।
व्यावहारिक महत्त्व
(Utilitarian Value)
आधुनिक जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में विज्ञान ने अपना स्थायी आधिपत्य जमा लिया है। जन्म से लेकर मृत्युपर्यन्त विज्ञान हमें प्रभावित करता है। नेहरु जी का यह कथन सर्वथा सत्य है कि;"आज का जीवन विज्ञानजन्य सुख-सुविधाओं से शासित है, आज उसके प्रभाव बिना जीवन की कल्पना भी सम्भव नहीं है। विज्ञान विनिर्मित मशीनों से साहाय्य से आज का जीवन परिचालित हो रहा है। विज्ञान ने कृषि, यातायात, चिकित्सा, मनोरंजन आदि क्षेत्रों में अनेक लाभ पहुँचाकर अपने आपको मानव-वरदान के रूप में सिद्ध किया है।"
कृषि के क्षेत्र में विज्ञान की देन अपूर्व है। वैज्ञानिक यन्त्रों की सहायता ने मरुभूमि में भी हरित क्रान्ति ला दी है। विविध प्रकार की उर्वराओं के प्रयोग से पैदावार की मात्रा कई गुना बढ़ी है, बीज बोने से लेकर अनाज उठाने तक का समस्त कार्य यन्त्रों की सहायता से सुलभ हो गया है।
चिकित्सा के क्षेत्र में विज्ञान ने अविश्वसनीय कार्य किये हैं। कल के अनेक असाध्य रोग आज उपचार सुलभ हैं। अंग प्रत्यारोपण द्वारा अन्धों को नेत्र, बधिरों को श्रवणयन्त्र, लूले-लंगड़ों को हाथ व, चरण मिल रहे हैं। प्लास्टिक सर्जरी से कुरूपों को रूप मिल जाता है आदि।
यातायात के क्षेत्र में विज्ञान की देन अपरिमित है। आज के मानव की गति, जल, थल, नभ कहीं भी अवरुद्ध नहीं है। दूरी, अब अर्थहीन हो गयी है। तीव्र संचार व्यवस्था से लगता है धरती संकुचित हो गयी है।
विज्ञान ने एक तरह से प्रकृति पर भी विजय प्राप्त कर ली है। कृत्रिम वर्षा शिव व सुन्दर उसके लिये गौण रहे हैं। यह भी देखा गया है कि सत्य पर आधारित नैतिक मान्यताएँ कठिन-से-कठिन परीक्षा में खरी उतरी हैं। स्वाभाविक रूप से इससे विज्ञान के नैतिक महत्त्व का स्पष्टीकरण हो जाता है, क्योंकि सत्य पर आधारित व्यवहार किसी भी नैतिक दृष्टिकोण से हीन प्रमाणित नहीं किया जा सकता और 'सत्य' विज्ञान की आत्मा है।
सौन्दर्यात्मक महत्त्व
(Aesthetic Value)
जीव-विज्ञान के ऊपर जो आरोप सर्वाधिक रूप से लगाया जाता है वह यह है कि यह छात्रों में सौन्दर्यानुभूति विकसित नहीं करता है। यह आरोप निराधार है और सौन्दर्य के प्रत्यय का सही ज्ञान न होने के फलस्वरूप है। वास्तव में सौन्दर्यानुभूति एक बहुत ही व्यक्तिगत विषय है जो व्यक्ति व्यक्ति में भिन्न होता है। यह मुख्यत: व्यक्ति की भावना से सम्बन्धित होता है जिसके आधार पर वह किसी भी चीज में निहित विभिन्न तत्त्वों के आपसी तालमेल व सन्तुलन की प्रशंसा करता है। इस दृष्टिकोण से देखा जाये तो जीव-विज्ञान पर आरोपित यह मिथ्या धारणा स्वयंमेव ही समाप्त हो जाती है। प्रकृति में निहित भौतिक नियमों पर आधारित अनेक रहस्यों को जब वैज्ञानिक देखता है तो उनमें निहित तालमेल व सन्तुलन से उसमें जो अनुभूति होती है वह किसी कलाकार की उस अनुभूति से कम नहीं होती जो उसे किसी उच्च कलाकृति को देख कर होती है और जैसा कि माना जाता है कि,"सत्य ही सुन्दर है और सुन्दर ही सत्य है" (Truth is beautiful, beautiful is truth) तो विज्ञान सौन्दर्य के सर्वाधिक निकट आ जाता है।
मनोवैज्ञानिक महत्त्व
(Psychological Value)
जीव-विज्ञान शिक्षण का एक सुदृढ़ मनोवैज्ञानिक आधार है। जीव-विज्ञान क्योंकि क्रियाओं पर अधिक बल देता है इस कारण वैज्ञानिक अधिगम स्थाई होता है। वैज्ञानिक सिद्धान्तों के विभिन्न क्षेत्रों में प्रयोग से भी अधिगम स्थानान्तरण अधिक होता है। "करके सीखने की विधि" प्रेरणा की एक सफलतम विधि है। आविष्कारों के माध्यम से आत्म-प्रकाशन की मूल प्रवृत्ति (Instinct of self assertion) को प्रकाशन का अवसर मिलता है।
वैज्ञानिक अभिरुचि का विकास
(Development of Scientific Attitude)
जीव-विज्ञान शिक्षण का सबसे महत्त्वपूर्ण प्रभाव छात्रों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास है जिसके फलस्वरूप उनका जीवन के प्रति दृष्टिकोण व्यावहारिक एवं आलोचनात्मक हो जाता है। वह किसी भी पूर्वाग्रह से ग्रसित नहीं रहता है। जीवन में पड़ने वाली प्रत्येक समस्या को वह व्यवस्थित ढंग से कार्य-कारण सम्बन्ध स्थापित करके सुलझाने का प्रयास करता है। संक्षेप में जीवन में उसका दृष्टिकोण प्रयोजनवादी हो जाता है।
भूकम्प की पूर्व चेतावनी तक आज सम्भव है। कम्प्यूटरों के निर्माण ने तो सभ्यता के नये आयाम दे दिये हैं। मुद्रक यन्त्रों द्वारा साक्षरता प्रसारित हो रही है। बहुत-सी दुर्लभ पुस्तकें सुलभ हैं। संवाद के साधनों का भी विकास हुआ है, रेडियो, टेलिफोन, टेलिप्रिन्टर आदि द्वारा क्षण भर में विश्व के समाचारों से अवगत हुआ जा सकता है। सिनेमा व टेलिविजन द्वारा शिक्षा प्रसार में अपूर्व सहायता मिली है।
सांस्कृतिक महत्त्व
(Cultural Value)
सांस्कृतिक निर्माण, सांस्कृतिक धरोहर की सुरक्षा एवं लुप्त सांस्कृतिक वैभव की खोज में विज्ञान का महत्त्वपूर्ण योग है, क्योंकि विज्ञान हमारे चिन्तन को प्रभावित करता है फलस्वरूप हमारा जीवन दर्शन प्रभावित होता है और उसका प्रत्यक्ष प्रभाव संस्कृति निर्माण पर पड़ता है। इसी के फलस्वरूप समाज के रीति-रिवाज एवं रुढ़ियाँ विज्ञान की नयी खोजों से प्रभावित होते रहते हैं। कल तक जिन अन्जान रहस्यों से मानव भयभीत होता था, जिन प्राकृतिक शक्तियों पर नियन्त्रण न कर पाने के फलस्वरूप भयभीत होकर जिन्हें देवता मानकर प्रसन्न करने की चेष्टा में रत था उन्हीं के रहस्यों का विज्ञान द्वारा जानकर मानव चिन्तन व अनुभूतियों में यह जो क्रान्तिकारी परिवर्तन हमें आज परिलक्षित होता है वह विज्ञान की ही देन है। इसी प्रकार ललित कलाओं के क्षेत्र में वैज्ञानिक उपकरणों के प्रयोग से क्रान्ति-सी आ गयी है। हमारी प्राचीन सांस्कृतिक धरोहरों की सुरक्षा भी विज्ञान के आधुनिक साधनों से ही सम्भव है। आज के युग में जो इतना अधिक सांस्कृतिक सहयोग व आदान-प्रदान है वह भी विज्ञान की प्रगति के ही फलस्वरूप है। सांस्कृतिक विभिन्नता के कारणों का विज्ञान सम्मत विवेचन से अन्तर सांस्कृतिक सद्भाव बढ़ा है।
व्यावसायिक महत्त्व
(Vocational Value)
किसी भी विषय की उपादेयता का मूल्यांकन उसके द्वारा प्रदत्त व्यावसायिक सम्भावनाओं के आधार पर किया जाना चाहिये। पाठ्यक्रम में विभिन्न विषयों का महत्त्वाक्रम भी इसी दृष्टिकोण से निर्धारित होना चाहिये। इस दृष्टि से विज्ञान का स्थान सर्वोपरि हो जाता है। तकनीकी शिक्षा के माध्यम से
व्यवसायों के अनेक अवसर सामने आये हैं। स्वतन्त्र रूप में कुटीर उद्योगों की स्थापना का आधार भी विज्ञान प्रदान करता है।
नैतिक महत्त्व
(Moral Value)
नैतिकता एक ऐसा सापेक्ष प्रत्यय है जो काल, स्थान व व्यक्ति एवं परिस्थिति से सबसे अधिक प्रभावित होता है। इसी कारण नैतिक मूल्यों का स्वरूप समय-समय पर बदलता रहता है, किन्तु फिर भी कुछ आधारभूत मान्यताएँ ऐसी रही हैं जो शाश्वत प्रकृति की रही हैं और जिन्होंने सदैव नैतिक मान्यताओं को निश्चित व स्थिर स्वरूप प्रदान किया है। ऐसा ही एक आधार 'सत्य' है। तीन शाश्वत मूल्य सत्य, शिव, सुन्दर में विज्ञान ने सदैव प्रथम मूल्य सत्य को ही आधार माना है।
अनुशासिक महत्त्व
(Disciplinary Value)
विज्ञान क्योंकि निरीक्षण व तर्क में छात्रों को प्रशिक्षित करता है इस कारण इसका अत्यधिक अनुशासिक महत्त्व है। इस प्रकार विकसित मानसिक शक्तियों के विकास के फलस्वरूप निश्चित तथ्यों के आधार पर निरीक्षण व परीक्षण द्वारा निष्कर्ष निकालने की आदत पड़ती है, जिसके फलस्वरूप व्यक्ति पूर्वाग्रहों (Prejudices) को चिन्तन में स्थान नहीं देता, इस कारण उसके निष्कर्षों में सत्यता एवं शुद्धि का अंश अधिक रहता है। आरम्भ में इस प्रकार की आदत का निर्माण छात्रों में प्रयोगशाला में किया जाता है। तदन्तर जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में आदत स्थानान्तरित हो जाती है।
वैज्ञानिक ढंग का प्रशिक्षण
(Training in Scientific Method)
विज्ञान के विद्यार्थियों के लिये विज्ञान की प्रत्येक समस्या और उसको हल करने का ढंग जीवन में आने वाली किसी भी समस्या को हल करने का प्रशिक्षण और पूर्ण अभ्यास है। इनके अध्ययन से उन्हें समस्याओं का सामना करने के लिये एक विशेष प्रकार की निश्चित विधि का प्रशिक्षण मिलता है, जिसे हम वैज्ञानिक ढंग कहते हैं। अब प्रश्न उठता है कि वैज्ञानिक ढंग क्या है?
संक्षेप में विज्ञान की समस्या को वैज्ञानिक ढंग से हल करने में निम्न सोपानों में से गुजरना पड़ता है-
1. समस्या क्या है? क्या मालूम करना है? उद्देश्य स्पष्ट होना।
2. उस पर चिन्तन करना।
3. चिन्तन के फलस्वरूप समस्या के जो अनेक हल सामने आयें उनकी सत्यता जाँचने के लिये प्रयोग करना।
4. प्रयोगों के परिणामों को अन्य परिस्थितियों में जाँचना।
5. जो परिणाम सही सिद्ध हों, उन्हें नियम मान लेना।
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- 1 जीव विज्ञान के आधारभूत तत्व (Basics of Biological Science)
- प्रश्न- भारत में जीव वैज्ञानिकों के नाम लिखिए और उनमें से किन्हीं चार का जीव विज्ञान के क्षेत्र में योगदान दीजिए।
- प्रश्न- जीव विज्ञान के क्षेत्र में किन्हीं दो वैज्ञानिकों के नाम बताइए। इनमें से किसी एक वैज्ञानिक के योगदान के विषय में विस्तारपूर्वक चर्चा कीजिए।
- प्रश्न- दो जैव-वैज्ञानिकों का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- सर जगदीश चन्द्र बोस का जीव विज्ञान में क्या योगदान है ?
- प्रश्न- किसी एक जैव वैज्ञानिक का जीव विज्ञान में योगदान बताइए।
- प्रश्न- डॉ. हरगोविन्द खुराना का जीव विज्ञान में योगदान बताइए।
- प्रश्न- जैविक विज्ञान के लिए हरगोविन्द खुराना के योगदान का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्रोफेसर बीरबल साहनी का जैव विज्ञान शिक्षण में योगदान बताइए।
- प्रश्न- डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन के योगदान का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- “जीव विज्ञान के अध्ययन से हमें विभिन्न व्यवसायों या कार्यक्षेत्र, रोजगार का अवसर मिल सकता है।" विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- जैविक विज्ञान के अर्थ को स्पष्ट कीजिए। जैविक विज्ञान के क्षेत्र में उपलब्ध विभिन्न व्यवसायों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- वैश्वीकरण से आप क्या समझते हैं ? वैश्वीकरण में विज्ञान की भूमिका का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विद्यालय पाठ्यक्रम में जैव विज्ञान को सम्मिलित करने के औचित्य की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- बायोलॉजिकल साइंसेज करीकुलम स्टडी प्रोजेक्ट पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- विद्यालय पाठ्यक्रम में हाईस्कूल तक जीव-विज्ञान शिक्षण अनिवार्य बनाने का कारण स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- "हाईस्कूल स्तर पर जीव-विज्ञान शिक्षण अपरिहार्य है।" इस कथन से आप कहाँ तक सहमत हैं और क्यों?
- प्रश्न- हाईस्कूल स्तर पर जीव विज्ञान शिक्षण की आवश्यकता एवं महत्व पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- जीव विज्ञान के अध्ययन की दैनिक जीवन में महत्ता एवं उपयोगिता बताइये।
- प्रश्न- जीव विज्ञान की औषधि क्षेत्र में उपयोगिता बताइये।
- प्रश्न- जीव विज्ञान की प्रदूषण नियन्त्रण में उपयोगिता लिखिए।
- प्रश्न- जीव विज्ञान का पशुपालन, पशु-चिकित्सा एवं उद्योग में महत्व बताइए।
- प्रश्न- जीव विज्ञान की खाद्य संसाधन, जनसंख्या वृद्धि रोकने एवं ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत उपलब्ध कराने में क्या उपयोगिता है?
- प्रश्न- आधुनिक विज्ञान की प्रकृति का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आधुनिक समुदायों पर विज्ञान के प्रभाव का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आधुनिक जीवन में विज्ञान की भूमिका बताइये।
- प्रश्न- आधुनिक समाज पर पड़ने वाले विज्ञान के प्रभाव को बताइए।
- प्रश्न- जीव विज्ञान के मुख्य प्राथमिकता क्षेत्र बताइये?
- प्रश्न- जैव विज्ञान शिक्षण का क्षेत्र बताइए।
- प्रश्न- लुइस पाश्चर का जीव विज्ञान में योगदान लिखिये?
- प्रश्न- विश्व प्रसिद्ध जीव वैज्ञानिक चार्ल्स डार्विन का योगदान बताइये?
- प्रश्न- प्रमुख भारतीय जीव वैज्ञानिक एवं उनके कार्यों को सूचीबद्ध कीजिए।
- प्रश्न- भूमण्डलीकरण का जीव विज्ञान में महत्त्व बताइये।
- प्रश्न- जैव-विज्ञान की विषय-वस्तु का मूल्यांकन कीजिये।
- प्रश्न- जीव विज्ञान का पदार्थ विज्ञान से सह-सम्बन्ध बताइये।
- प्रश्न- जैविक विज्ञान का पदार्थ से सहसम्बन्ध पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- जीव विज्ञान का भौतिक विज्ञान तथा रसायन विज्ञान से क्या सम्बन्ध है? लिखिये।
- प्रश्न- जीव विज्ञान का गणित और भूगोल के साथ सह-सम्बन्ध बताइये?
- प्रश्न- जीव विज्ञान एवं स्वास्थ्य विज्ञान में क्या सह-सम्बन्ध है?
- प्रश्न- रचनावाद क्या है ? विगोत्स्की के रचनावाद को संक्षेप में समझाइये।
- 2 जैव विज्ञान शिक्षण के उद्देश्य (Aims of Teaching Biological Sciences)
- प्रश्न- जीव विज्ञान शिक्षण के उद्देश्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जीव विज्ञान शिक्षण के उद्देश्यों के महत्व को स्पष्ट कीजिए। इन उद्देश्यों का निर्धारण किस प्रकार करते हैं ? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जीव विज्ञान शिक्षण के उद्देश्यों के महत्व को बताइये।
- प्रश्न- जीव विज्ञान के उद्देश्यों का निर्धारण किस प्रकार करते हैं ?
- प्रश्न- जीव विज्ञान के शिक्षण उद्देश्यों को वर्गीकृत कीजिए।
- प्रश्न- जैव-विज्ञान शिक्षण हेतु ब्लूम के शिक्षण उद्देश्यों के वर्गीकरण की विस्तृत रूप से विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- जीव विज्ञान शिक्षण के उद्देश्यों के ज्ञानात्मक पक्ष का वर्गीकरण कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षण उद्देश्यों से क्या तात्पर्य है ?
- प्रश्न- ब्लूम द्वारा प्रतिपादित शिक्षण उद्देश्यों का विस्तार से वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जीव विज्ञान के शिक्षण उद्देश्यों को वर्गीकृत कीजिए।
- प्रश्न- ब्लूम के उद्देश्यों के वर्गीकरण का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- ज्ञानात्मक पक्षों के विभिन्न स्तरों को उदाहरण सहित लिखिए।
- प्रश्न- भावनात्मक पक्ष के विभिन्न स्तरों को उदाहरण सहित लिखिए।
- प्रश्न- क्रियात्मक पक्ष के विभिन्न स्तरों को संक्षेप में समझाइये।
- प्रश्न- आर.सी.ई.एम. उपागम क्या है? प्रशिक्षण महाविद्यालयों में शिक्षण अभ्यास में इसका प्रयोग किस प्रकार किया जाता है?
- प्रश्न- शिक्षण उद्देश्यों को व्यावहारिक रूप से लिखने के मिलर उपागम का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- ब्लूम के मूल्यांकन उपागम का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- ब्लूम के मूल्यांकन उपागम के सोपानों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- ब्लूम के मूल्यांकन उपागम के शिक्षण पद बताइये।
- प्रश्न- ब्लूम के मूल्यांकन उपागम के गुण व दोष लिखिए।
- प्रश्न- ब्लूम के मूल्यांकन उपागम पर आधारित पाठ योजना का प्रारूप दीजिए।
- प्रश्न- एन.सी.ई.आर.टी.उपागम के अनुसार जैविक विज्ञान के शिक्षण उद्देश्यों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षण उद्देश्यों को व्यावहारिक रूप में लिखने की प्रक्रिया का विवरण दीजिये।
- प्रश्न- व्यावहारिक उद्देश्य लिखने की विधियाँ बताइये। मेगर योजना को उदाहरण समझाइये।
- प्रश्न- शैक्षिक उद्देश्यों व अनुदेशनात्मक उद्देश्यों में विभेद कीजिए। ब्लूम के अनुसार शैक्षिक उद्देश्यों के वर्गीकरणर का विस्तृत वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जैव विज्ञान शिक्षण के लक्ष्य और उद्देश्यों में भेद बताइये।
- प्रश्न- शिक्षण लक्ष्य तथा शिक्षण उद्देश्यों के मध्य अन्तर बताइए।
- प्रश्न- आर.सी.ई.एम. उपागम की विशेषताएँ बताइए।
- प्रश्न- राबर्ट मेगर विधि की क्या विशेषताएँ है?
- प्रश्न- प्रविष्टि व्यवहार और अन्तिम व्यवहार की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- माध्यमिक स्तर पर जीव विज्ञान शिक्षण के उद्देश्यों का वर्णन कीजिए।
- 3 इकाई योजना, वार्षिक योजना एवं पाठ योजना (Unit Plan, Year Plan and Lesson Plan)
- प्रश्न- इकाई योजना का विस्तृत वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- इकाई योजना से आप क्या समझते हैं ? इसकी प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं इकाई योजना के क्या लाभ हैं?
- प्रश्न- इकाई योजना का अर्थ बताइये।
- प्रश्न- इकाई योजना का अर्थ एवं महत्व बताइये।
- प्रश्न- इकाई योजना के सिद्धान्त बताइये।
- प्रश्न- इकाई योजना के उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- इकाई योजना की आवश्यकता एवं महत्व बताइये।
- प्रश्न- इकाई योजना के गुण एवं विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- इकाई योजना के लाभ बताइये।
- प्रश्न- इकाई योजना के दोष/सीमाएँ बताइये।
- प्रश्न- इकाई योजना के स्वरूप का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- इकाई योजना बनाते समय कौन-कौन सी सावधानियाँ रखनी चाहिए?
- प्रश्न- वार्षिक योजना का विस्तृत वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वार्षिक योजना का अर्थ बताइए।
- प्रश्न- वार्षिक योजना के उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- एक अच्छी वार्षिक योजना की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- वार्षिक योजना के लाभ बताइये।
- प्रश्न- वार्षिक योजना के निर्माण में कौन-कौन सी सावधानियाँ रखनी चाहिए?
- प्रश्न- जीव विज्ञान की पाठ योजनाओं हेतु अपनाए जाने वाले प्रारूप का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- पाठ योजना क्या है ? इसकी विशेषताएँ लिखिए एवं वर्गीकरण कीजिए।
- प्रश्न- पाठ योजना का अर्थ एवं परिभाषा दीजिए।
- प्रश्न- पाठ योजना की विशेषताएँ बताइए।
- प्रश्न- पाठ योजनाओं का वर्गीकरण दीजिए।
- प्रश्न- पाठ योजना की आवश्यकता एवं महत्व का वर्णन कीजिए। इसकी हानियाँ बताइये।
- प्रश्न- पाठ योजना का महत्व एवं आवश्यकता बताइये।
- प्रश्न- पाठ योजना की सीमाएँ बताइये।
- प्रश्न- एक उत्तम पाठ योजना के गुण बताइये।
- प्रश्न- पाठ नियोजन से क्या तात्पर्य है? जैव विज्ञान शिक्षण से सम्बन्धित कक्षा आठ के किसी एक प्रकरण के लिये पाठ योजना तैयार कीजिये।
- प्रश्न- कक्षा आठ के लिये जैव विज्ञान में किसी एक प्रकरण पर पाठ योजना बनाइये।
- प्रश्न- लैक्टोबैसलिस क्या है?
- प्रश्न- डबल रोटी पर धब्बे किसके कारण उत्पन्न हुये?
- प्रश्न- क्लेमाइडोमोनास फफूंद है या शैवाल।
- प्रश्न- कौन-से जीव नग्न आँखों से नहीं दिखायी देते हैं?
- प्रश्न- नवीं कक्षा के लिये जीव विज्ञान से सम्बन्धित किसी प्रकरण पर पाठ योजना तैयार कीजिये?
- प्रश्न- इकाई योजना के महत्व एवं उपयोगिता की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- जैव-विज्ञान शिक्षण में पाठयोजना निर्माण के चरण बताइए।
- प्रश्न- इकाई योजना एवं पाठ योजना में अन्तर बताइए।
- प्रश्न- पूर्व ज्ञान की उपयोगिता पर टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- पाठ योजना को विकसित करने में पियाजे, बनर एवं गैने के सिद्धान्तों को संक्षेप में बताइये।
- 4 शिक्षण-अधिगम सामग्री का प्रयोग : श्रव्य-दृश्य साधन (Use of Teaching-Learning Material : Audio-visual Aids)
- प्रश्न- शिक्षण सहायक सामग्री का अर्थ एवं परिभाषा बताइये।
- प्रश्न- शिक्षण सहायक सामग्री का महत्व बताते हुए इसके निर्माण के उद्देश्यों एवं आवश्यकता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- शिक्षण सहायक सामग्री का अर्थ एवं परिभाषा बताइये।
- प्रश्न- शिक्षण सहायक सामग्री के तत्व बताइये।
- प्रश्न- शिक्षण सहायक सामग्री का महत्व बताइये।
- प्रश्न- शिक्षण सहायक समाग्री के निर्माण के उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- शिक्षण सहायक सामग्री के निर्माण की आवश्यकता बताइये।
- प्रश्न- शिक्षण सहायक सामग्रियों को केवल रेखाचित्र द्वारा वर्गीकृत कीजिए। अथवा इन्द्रियों के आधार पर श्रव्य-दृश्य सामग्री को किस प्रकार वर्गीकृत किया जा सकता है ?
- प्रश्न- शिक्षण सहायक सामग्री की उपयोगिता बताइये।
- प्रश्न- जैव विज्ञान शिक्षण की अनुपूरक अध्ययन सामग्री को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षण सहायक सामग्री का अर्थ बताइये।
- प्रश्न- श्रव्य सहायक साधन क्या है ? उदाहरण दीजिए।
- प्रश्न- दृश्य सहायक साधन क्या है ? उदाहरण दीजिए।
- प्रश्न- दृश्य-श्रव्य साधन से क्या तात्पर्य है ? उदाहरण दीजिए।
- प्रश्न- क्रियात्मक सहायक साधन क्या होते हैं ?
- प्रश्न- जीव विज्ञान शिक्षण में दृश्य-श्रव्य सामग्री की उपयोगिता बताइये।
- प्रश्न- शिक्षण सहायक सामग्री के निर्माण में क्या-क्या सावधानियाँ रखनी चाहिए?
- प्रश्न- शिक्षण सहायक सामग्री का चयन करते समय किन-किन बातों को ध्यान में रखना चहिए?
- प्रश्न- शिक्षण सहायक सामग्री का उपयोग कब और कैसे करना चाहिए?
- प्रश्न- शिक्षण सहायक सामग्री का उपयोग करने में क्या-क्या सावधानियाँ रखना चाहिए?
- प्रश्न- अच्छी सहायक सामग्री में क्या गुण होने चाहिये?
- प्रश्न- चॉक बोर्ड पर टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- फलैनिल ग्राफ एवं प्रदर्शन पट के बारे में बताइये।
- प्रश्न- शिरोपरि प्रक्षेपी या ओवरहेड प्रोजेक्टर पर टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- जैव विज्ञान शिक्षण में जनसंचार माध्यम का प्रयोग बताइए।
- प्रश्न- जैव विज्ञान शिक्षण में रेडियो तथा दूरदर्शन की क्या भूमिका है?
- प्रश्न- जैव विज्ञान शिक्षण में दूरदर्शन के प्रयोग पर टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- प्रोजेक्टर पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- जैव-विज्ञान शिक्षण में फिल्म पट्टी के प्रयोग पर टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- श्यामपट्ट को एक दृश्य सहायक सामग्री मानते हैं।
- प्रश्न- जीव विज्ञान शिक्षण में श्यामपट्ट का प्रयोग करते समय क्या क्या सावधानियाँ रखनी चाहिए? विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षण सहायक सामग्री के लाभ बताइये।
- प्रश्न- एल.सी.डी. प्रोजेक्टर का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- 5 स्व-निर्मित उपकरण अथवा आशरचित उपकरण (Improvised Apparatus)
- प्रश्न- स्व-निर्मित उपकरण की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए तथा इनकी उपयोगिता बताइए।
- प्रश्न- स्व-निर्मित उपकरणों से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- जीव विज्ञान में शिक्षण हेतु एवं स्वनिर्मित उपकरण का उदाहरण दीजिए।
- प्रश्न- स्वनिर्मित उपकरणों की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- स्वनिर्मित उपकरणों से आप क्या समझते हैं ?
- प्रश्न- टिप्पणी लिखिए : स्व-निर्मित उपकरण सहायक सामग्री के रूप में।
- प्रश्न- स्व-निर्मित उपकरणों की उपयोगिता बताइए।
- प्रश्न- स्वनिर्मित उपकरण की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए एवं जीव विज्ञान शिक्षण में इनकी उपयोगिता बताइए।
- प्रश्न- स्प्रिट लैम्प की निर्माण प्रक्रिया बताइये।
- प्रश्न- आशुरचित उपकरणों के सृजन हेतु सुझाव दीजिए।
- 6 जैव विज्ञान शिक्षण के लिए उपयोगी प्रमुख शिक्षण प्रतिमान (Major Models of Teaching Useful for Biological Science Teaching)
- प्रश्न- शिक्षण प्रतिमान से क्या तात्पर्य है ? शिक्षण प्रतिमानों की विशेषताएँ बताते हुए उनके प्रमुख तत्वों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षण प्रतिमान से क्या तात्पर्य है ?
- प्रश्न- शिक्षण प्रतिमान के प्रमुख तत्व तथा विशेषताएँ बताइए।
- प्रश्न- शिक्षण प्रतिमानों के प्रकार बताइए।
- प्रश्न- शिक्षण प्रतिमानों को वर्गीकृत कीजिए।
- प्रश्न- दार्शनिक शिक्षण प्रतिमान क्या है ?
- प्रश्न- मनोवैज्ञानिक शिक्षण प्रतिमान बताइए।
- प्रश्न- आधुनिक शिक्षण प्रतिमानों के विषय में लिखिए।
- प्रश्न- जैव विज्ञान के लिए उपयोगी किन्हीं दो शिक्षण प्रतिमानों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षण व्यूह का अर्थ बताइए। शिक्षण व्यूह की विशेषताएँ बताते हुए इसके निर्माण के चरणों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षण व्यूह का अर्थ बताइए।
- प्रश्न- शिक्षण व्यूह की विशेषताएँ लिखिए।
- प्रश्न- शिक्षण व्यूह प्रक्रिया के तत्व बताइए।
- प्रश्न- शिक्षण व्यूह निर्माण की व्यवस्था को समझाइए।
- प्रश्न- जीव विज्ञान शिक्षण हेतु बूनर की संकल्पना सम्प्राप्ति प्रतिमान का क्या उपयोग है?
- 7 जैव विज्ञान शिक्षण की विधियाँ (Methods of Teaching Biological Science)
- प्रश्न- आगमनात्मक एवं निगमनात्मक शिक्षण विधियों से क्या तात्पर्य है ? इनके शिक्षण पदों को स्पष्ट करते हुए इनके गुण व दोष बताइये।
- प्रश्न- आगमनात्मक विधि से क्या तात्पर्य है ?
- प्रश्न- आगमनात्मक विधि के शिक्षण-पद बताइये।
- प्रश्न- आगमनात्मक विधि के गुण (विशेषताएँ) व दोष बताइये।
- प्रश्न- निगमनात्मक विधि क्या है ?
- प्रश्न- निगमनात्मक विधि के शिक्षण-पद बताइये।
- प्रश्न- निगमनात्मक विधि के गुण व दोष बताइये।
- प्रश्न- आगमनात्मक एवं निगमनात्मक शिक्षण विधियों का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- व्याख्यान-प्रदर्शन विधि का जीव विज्ञान शिक्षण में क्या उपयोग है ? इसके गुण व दोष बताइए।
- प्रश्न- व्याख्यान-प्रदर्शन क्या है ?
- प्रश्न- व्याख्यान सह प्रदर्शन विधि का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- विज्ञान शिक्षण में व्याख्यान-प्रदर्शन विधि की उपयोगिता बताइए।
- प्रश्न- व्याख्यान-प्रदर्शन विधि के गुण बताइये।
- प्रश्न- व्याख्यान-प्रदर्शन विधि के दोष बताइये।
- प्रश्न- जैव विज्ञान शिक्षण की अन्वेषण (ह्यूरिस्टिक) विधि को स्पष्ट कीजिए तथा इसके सिद्धान्त तथा गुण-दोषों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- जैव विज्ञान शिक्षण की अन्वेषण विधि को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- अन्वेषण विधि की प्रक्रिया को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- अन्वेषण विधि के गुण व दोषों को बताइये।
- प्रश्न- विचार-विमर्श विधि क्या है ? इसके प्रमुख घटकों व संचालन की प्रक्रिया को समझाते हुए गुण-दोषों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विचार-विमर्श विधि क्या है ?
- प्रश्न- विचार-विमर्श विधि के प्रमुख घटक बताइये।
- प्रश्न- विचार-विमर्श विधि की संचालन प्रक्रिया का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- विचार-विमर्श विधि के गुण व दोष बताइये।
- प्रश्न- जीव विज्ञान शिक्षण की योजना विधि का विस्तृत वर्णन कीजिए तथा इसके गुण-दोषों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- जैव विज्ञान शिक्षण की प्रमुख विधियाँ कौन-कौन सी हैं ? योजना विधि के महत्व एवं उपयोग का विवरण लिखिए।
- प्रश्न- परियोजना विधि से आप क्या समझते हैं ? परियोजना विधि के आधारभूत सिद्धान्त क्या हैं ? परियोजना विधि के सोपानों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जैव विज्ञान शिक्षण की प्रमुख विधियाँ कौन-कौन सी हैं ?
- प्रश्न- योजना विधि से आप क्या समझते हैं ?
- प्रश्न- योजना विधि के आधारभूत सिद्धान्त बताइये।
- प्रश्न- योजना विधि की कार्य-प्रणाली का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्रयोजन विधि की उपयोगिता बताइये।
- प्रश्न- योजना विधि के गुण लिखिए।
- प्रश्न- जैव विज्ञान शिक्षण की योजना विधि के दोष बताइये।
- प्रश्न- जैव विज्ञान शिक्षण की समस्या समाधान विधि विस्तार से समझाइये।
- प्रश्न- जैव विज्ञान शिक्षण की समस्या समाधान विधि से क्या तात्पर्य है?
- प्रश्न- समस्या समाधान विधि की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- समस्या समाधान विधि के सोपानों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- समस्या समाधान विधि के गुण बताइये।
- प्रश्न- समस्या समाधान विधि के दोष बताइये।
- प्रश्न- प्रयोगशाला विधि क्या है ? इसके गुण व दोषों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- माध्यमिक स्तर पर विज्ञान शिक्षण में प्रयोगशाला विधि को अनिवार्य किये जाने के बारे में सुझाव दीजिए।
- प्रश्न- जीव विज्ञान शिक्षण की प्रयोगशाला विधि से क्या तात्पर्य है?
- प्रश्न- प्रयोगशाला विधि के गुण लिखिए।
- प्रश्न- प्रयोगशाला विधि के दोष बताइये।
- प्रश्न- जीव विज्ञान शिक्षण में प्रयोगशाला विधि का क्या महत्व है?
- प्रश्न- जैव विज्ञान शिक्षण में प्रयोग-प्रदर्शन विधि का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जैव विज्ञान शिक्षण में प्रयोग-प्रदर्शन विधि से क्या तात्पर्य है?
- प्रश्न- प्रयोग प्रदर्शन विधि के गुण लिखिए।
- प्रश्न- प्रयोग प्रदर्शन विधि के दोष लिखिए।
- प्रश्न- पाठ्य सहगामी क्रियाओं से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- जैव विज्ञान शिक्षण में प्रमुख क्रिया प्रधान उपागम कौन-कौन से हैं?
- प्रश्न- संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जैव विज्ञान शिक्षण में भ्रमण से क्या तात्पर्य है ? भ्रमण के महत्व व योजना का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जैव विज्ञान शिक्षण में भ्रमण के अर्थ को स्पष्ट कीजिए। किसी दृश्य स्थल हेतु भ्रमण के आयोजन में किन-किन मुख्य बातों को ध्यान में रखना आवश्यक है ?
- प्रश्न- जैव विज्ञान शिक्षण में भ्रमण से क्या तात्पर्य है?
- प्रश्न- विज्ञान भ्रमण का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जीव विज्ञान के शिक्षण अध्ययन में भ्रमण अथवा पर्यटनों का क्या महत्व है ? विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- भ्रमण की योजना पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- जैव विज्ञान में शैक्षिक भ्रमण का महत्व बताइए।
- प्रश्न- विज्ञान भ्रमण का कार्यक्रम बनाते समय एक विज्ञान भ्रमण कार्यक्रम की कार्य क्या सावधानियाँ रखी जानी चाहिए ?
- प्रश्न- विज्ञान भ्रमण का कार्यक्रम बनाते समय क्या सावधानियाँ रखी जानी चाहिए? संक्षेप में लिखें।
- प्रश्न- विज्ञान भ्रमण कार्यक्रम की कार्ययोजना के कदम बताइये।
- प्रश्न- विज्ञान क्लब से क्या तात्पर्य है ? इसके उद्देश्यों, कार्यों और संगठन की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- विज्ञान क्लब से क्या तात्पर्य है ?
- प्रश्न- जैविक विज्ञान क्लब से आप क्या समझते हैं ?
- प्रश्न- विज्ञान क्लब के उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- विज्ञान क्लब के कार्यों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- विज्ञान क्लब के गठन पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विज्ञान क्लब का जीव विज्ञान शिक्षण में महत्व बताइये।
- प्रश्न- विज्ञान मेले एवं प्रदर्शनियों का अर्थ व परिभाषा दीजिए। इसके उद्देश्य, उपयोगिता एवं आयोजन की रूपरेखा की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- विज्ञान मेले एवं प्रदर्शनी का अर्थ बताइए।
- प्रश्न- विज्ञान मेले एवं प्रदर्शनियों के आयोजन के उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- विज्ञान मेले एवं प्रदर्शनियों की उपयोगिता बताइये।
- प्रश्न- विज्ञान मेले एवं प्रदर्शनियों के आयोजन की रूपरेखा लिखिए।
- प्रश्न- जीव विज्ञान संग्रहालय की आवश्यकता एवं महत्त्व का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- जीव विज्ञान संग्रहालय क्यों आवश्यक है?
- प्रश्न- जल-जीवशाला क्या है?
- प्रश्न- कृत्रिम जलाशय पर टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- एक्वेरियम के उपयोग लिखिये।
- प्रश्न- एक्वेरियम के रख-रखाव की आवश्यकता बताइये।
- प्रश्न- जीव विज्ञान प्रयोगशाला में कृत्रिम जलाशय की आवश्यकता लिखिये।
- प्रश्न- टेरेरियम क्या है?
- प्रश्न- वाईवेरियम क्या है?
- प्रश्न- जैव विज्ञान में भ्रमण के उद्देश्य क्या हैं?
- प्रश्न- विद्यालय वाटिका का उपयोग बताइए।
- प्रश्न- हर्बेरियम (संग्रहालय) एवं वाइवेरियम (जन्तु वाटिका) के उपयोग बताइए।
- प्रश्न- वैज्ञानिक विधि पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- पाठ्य सहगामी क्रियाओं की आवश्यकता एवं महत्व बताइए।
- 8 जैव विज्ञान में नवीन शिक्षण पद्धतियाँ (Innovative Teaching Practices in Biological Science)
- प्रश्न- अभिक्रमित अनुदेशन का अर्थ एवं परिभाषा बताइये। इसकी विशेषताओं एवं सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जैव विज्ञान अभिक्रमित अनुदेशन की विशेषताएँ एवं सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जैव विज्ञान शिक्षण में विभिन्न नवीन विधियाँ कौन-सी हैं ? अभिक्रमित अनुदेशन का विस्तार से वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जैव विज्ञान शिक्षण में विभिन्न नवीन विधियाँ कौन-सी हैं ?
- प्रश्न- अभिक्रमित अनुदेशन का अर्थ एवं परिभाषा बताइये।
- प्रश्न- अभिक्रमित अनुदेशन की विशेषताएँ लिखिए।
- प्रश्न- अभिक्रमित अनुदेशन के सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कम्प्यूटर सहाय अनुदेशन (CAI) क्या है ? इसकी मूल मान्यताएँ एवं विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- कम्प्यूटर सहाय अनुदेशन क्या है ?
- प्रश्न- कम्प्यूटर सहाय अनुदेशन की मूल मान्यताएँ बताइये।
- प्रश्न- कम्प्यूटर सहाय अनुदेशन की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- जैव विज्ञान शिक्षण में कम्प्यूटर सहाय अनुदेशन के उपयोग का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- टोली शिक्षण क्या है ? इसकी उपयोगिता का जीव विज्ञान शिक्षण में क्या महत्व है ? विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- टोली शिक्षण का अर्थ स्पष्ट कीजिए। जैव विज्ञान शिक्षण में इसका उपयोग कैसे किया जा सकता है?
- प्रश्न- टोली शिक्षण का अर्थ एवं परिभाषा दीजिए।
- प्रश्न- जैव विज्ञान शिक्षण में टोली शिक्षण का महत्व बताइये।
- प्रश्न- टोली शिक्षण की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- टोली शिक्षण के गुण लिखिए।
- प्रश्न- टोली शिक्षण के दोष बताइये।
- प्रश्न- सूक्ष्म शिक्षण का अर्थ एवं परिभाषा दीजिए।
- प्रश्न- सूक्ष्म शिक्षण की प्रकृति, स्वरूप, प्रक्रिया तथा विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- सूक्ष्म मिश्रण की अवधारणा स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- वर्तमान समय में शिक्षक-प्रशिक्षण के मिश्रण अभ्यास में इसका क्या योगदान है?
- प्रश्न- सूक्ष्म शिक्षण का अर्थ एवं परिभाषा दीजिए।
- प्रश्न- सूक्ष्म शिक्षण की प्रकृति स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सूक्ष्म शिक्षण के स्वरूपों एवं स्तरों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सूक्ष्म शिक्षण की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- टेलीकॉन्फ्रेन्सिंग से क्या तात्पर्य है ? इसके विभिन्न प्रकारों एवं उपयोगिता का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- टेलीकॉन्फ्रेन्सिंग से क्या तात्पर्य है ?
- प्रश्न- टेलीकॉन्फ्रेन्सिंग के प्रकार बताइये।
- प्रश्न- वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के लाभ बताइये।
- प्रश्न- टेलीकॉन्फ्रेन्सिंग की उपयोगिता बताइये।
- प्रश्न- सेमीनार प्रस्तुतीकरण क्या है?
- प्रश्न- सूक्ष्म शिक्षण के सिद्धान्त बताइए।
- प्रश्न- शिक्षण कौशल का क्या अर्थ है? दो शिक्षण कौशलों का उदाहरण सहित वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षण कौशल के प्रकार बताइये।
- प्रश्न- सूक्ष्म शिक्षण के लाभ/उपयोगिता बताइए।
- प्रश्न- आई.सी.टी. एक आधुनिक शिक्षण सामग्री पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- जैव विज्ञान शिक्षण में आधुनिक शिक्षण सामग्री के रूप में ICT की भूमिका का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अभिक्रमित अनुदेशन के प्रकार बताइए।
- प्रश्न- अभिक्रमित अनुदेशन एवं पृष्ठं पोषण पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- अभिक्रमित अधिगम का महत्त्व समझाइए।
- प्रश्न- सूक्ष्म शिक्षण की सीमाएँ बताइए।
- प्रश्न- सूक्ष्म-शिक्षण के क्रियान्वयन में आने वाली कठिनाइयाँ बताइए।
- प्रश्न- एडगर के अनुभव त्रिकोण का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- एडगर के अनुभव त्रिकोण की उपयोगिता बताइए।
- प्रश्न- एडगर डेल के अनुभव त्रिकोण का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- एडगर डेल के अनुभव के शंकु का चित्रण एवं व्याख्या कीजिए।
- 9 पाठ्यक्रम विकास के सिद्धान्त एवं उपागम (Principles and Approaches for Curriculum Development)
- प्रश्न- "पाठ्यक्रम" शब्द परिभाषित कीजिए। विद्यालय स्तर पर जीव विज्ञान पाठ्यक्रम निर्माण के आधारभूत सिद्धान्तों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- पाठ्यक्रम से क्या तात्पर्य है ? जैविक विज्ञान में पाठ्यक्रम निमार्ण के प्रमुख सिद्धान्तों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- पाठ्यक्रम से क्या तात्पर्य है ?
- प्रश्न- जीव विज्ञान के पाठ्यक्रम निर्माण सम्बन्धी विभिन्न सिद्धान्तों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- जैव विज्ञान के पाठ्यक्रम संगठन के उपागमों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जैव विज्ञान के पाठ्यक्रम संगठन के सहसम्बन्ध उपागम पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- जैव विज्ञान के पाठ्यक्रम संगठन के सम्मिश्रण उपागम को समझाइए।
- प्रश्न- जैव विज्ञान के पाठ्यक्रम संगठन के एकीकरण उपागम पर एक नोट लिखिए।
- प्रश्न- जीव विज्ञान के पाठ्यक्रम के विकास हेतु हमें क्या-क्या कदम उठाने चाहिए ? विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- निम्न माध्यमिक स्तर तथा माध्यमिक स्तर की कक्षाओं के जैव विज्ञान के वर्तमान पाठ्यक्रम का समालोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए और सुधार हेतु सुझाव दीजिए।
- प्रश्न- निम्न माध्यमिक स्तर की कक्षाओं के जैव विज्ञान पाठ्यक्रम का समालोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए तथा सुधार हेतु सुझाव दीजिए।
- प्रश्न- माध्यमिक स्तर की कक्षाओं के जैव विज्ञान पाठ्यक्रम का समालोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए तथा सुधार हेतु सुझाव दीजिए।
- प्रश्न- शिक्षार्थी केन्द्रित पाठ्यक्रम से आप क्या समझते हैं ?
- प्रश्न- स्थानीय आवश्यकताओंएवं अपेक्षाओं तथा स्थानीय संसाधनों की उपलब्धताओंसे पाठ्यक्रम अंगीकृत करने पर अपने विचार प्रकट कीजिए।
- प्रश्न- जैव विज्ञान के पाठ्यक्रम के दोषों का वर्णन कीजिए।
- 10 जैव विज्ञान शिक्षण में पाठ्यक्रमीय सहायक सामग्री (Curricular Accessories in Biological Science Teaching)
- प्रश्न- जीव विज्ञान शिक्षण में पाठ्य पुस्तक का चयन करते समय आप किन-किन बातों का ध्यान रखेंगे ?
- प्रश्न- अपने उत्तर के आधार पर अपने प्रदेश की वर्तमान पाठ्यपुस्तकों का आलोचनात्मक विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- एक आदर्श पाठ्यपुस्तक की विशेषताओं का वर्णन कीजिए। आप एक पाठ्यपुस्तक का मूल्यांकन कैसे करेंगे?
- प्रश्न- जीव विज्ञान शिक्षण में पाठ्यपुस्तक का चयन करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
- प्रश्न- पाठ्यपुस्तक के मूल्यांकन हेतु मानदण्ड बताइये।
- प्रश्न- पाठ्यपुस्तक के चयन की प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विज्ञान पाठ्य-पुस्तकों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- जीव विज्ञान शिक्षण में पाठ्यपुस्तक का क्या महत्व है ?
- प्रश्न- जीव विज्ञान शिक्षण में जरनल्स का महत्त्व बताइये।
- प्रश्न- जीव विज्ञान शिक्षण में विज्ञान पत्रिकाओं व जर्नल्स की क्या भूमिका है?
- प्रश्न- हैन्डबुक्स पर टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- जीव विज्ञान शिक्षण में प्रायोगिक कार्य का क्या महत्त्व है?
- प्रश्न- स्लाइडों के प्रदर्शन से उपलब्ध शैक्षणिक लाभ बताइये।
- प्रश्न- जैव विज्ञान पाठ्य-पुस्तक के प्रकार्य बताइए।
- प्रश्न- जैव विज्ञान शिक्षण में कार्य-पुस्तिकाओं का महत्व बताइये।
- प्रश्न- पाठ्य-पुस्तक का अर्थ एवं विशेषताएँ लिखिए।
- 11 जीव विज्ञान प्रयोगशाला का संगठन (Organization of Biology Laboratory)
- प्रश्न- जीव विज्ञान प्रयोगाशाला से आप क्या समझते हैं ? इसके नियोजन एवं प्रबन्ध पर उचित प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- जीव विज्ञान शिक्षण हेतु प्रयोगशाला आप कैसे व्यवस्थित करेंगे?
- प्रश्न- जीव विज्ञान शिक्षण में आप प्रयोगशाला सामग्री का उपयोग एक अच्छी सहायता के रूप में कर सकते हैं। वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- जीव विज्ञान प्रयोगशाला के प्रमुख उद्देश्य व इसका महत्व लिखिये। जीव विज्ञान प्रयोगशाला आयोजन हेतु सुझाव दीजिये।
- प्रश्न- जैव विज्ञान प्रयोगशाला में आवश्यक उपकरण बताइए।
- प्रश्न- प्रयोगशाला में रखे-जाने वाले प्राथमिक उपचार बॉक्स में क्या-क्या सामग्री होनी चाहिए? संक्षेप में बताइये।
- प्रश्न- प्रयोगशाला में दुर्घटनाएँ एवं प्राथमिक उपचार पर टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- हरित कक्ष से क्या तात्पर्य है?
- प्रश्न- जैव विज्ञान प्रयोगशाला की आवश्यकता एवं महत्व बताइये।
- प्रश्न- जैव विज्ञान प्रयोगशाला को समझाइये।
- प्रश्न- जैव विज्ञान प्रयोगशाला की सुरक्षा के उपाय एवं रख-रखाव को समझाइये।
- 12 शैक्षिक मापन एवं मूल्यांकन (Educational Measurement and Evaluation)
- प्रश्न- शैक्षिक मापन और मूल्यांकन का क्या अर्थ है ? जैव विज्ञान शिक्षण के मूल्यांकन हेतु विभिन्न उपकरणों एवं प्रविधियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मूल्यांकन से क्या अभिप्राय है ? जैविक विज्ञान शिक्षण में प्रयुक्त होने वाली मूल्यांकन की प्रमुख प्रविधियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- शैक्षिक मापन का अर्थ बताइये।
- प्रश्न- मूल्यांकन का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- जैव विज्ञान शिक्षण के मूल्यांकन हेतु विभिन्न उपकरणों एवं प्रविधियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मापन और मूल्यांकन में क्या अन्तर है ? एक अच्छे मूल्यांकन उपकरण की विशेषताएँ उदृधत कीजिए।
- प्रश्न- मापन और मूल्यांकन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा में मापन एवं मूल्यांकन के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मूल्यांकन का अर्थ स्पष्ट कीजिए तथा इसके प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मूल्यांकन के प्रमुख उद्देश्यों एवं मूल्यांकन की प्रक्रिया का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- उपलब्धि परीक्षण से क्या तात्पर्य है ? इसके प्रकार बताइये। जीव विज्ञान विषय पर एक उपलब्धि परीक्षण का निर्माण किस प्रकार करेंगे?
- प्रश्न- उपलब्धि परीक्षण से क्या तात्पर्य है ?
- प्रश्न- उपलब्धि परीक्षण के प्रकार बताइये।
- प्रश्न- जीव विज्ञान विषय पर एक उपलब्धि परीक्षण का निर्माण किस प्रकार करेंगे?
- प्रश्न- उपलब्धि परीक्षण निर्माण के पदों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- एक उत्तम परीक्षण की व्यावहारिक कसौटियाँ क्या हैं? संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अच्छे मूल्यांकन परीक्षण की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- एक अच्छे परीक्षण की विशेषताओं को उद्धृत कीजिए।
- प्रश्न- विशिष्ट व्यवहारिक परिणामों का मापन एवं मूल्यांकन आप किस प्रकार करेंगे?
- प्रश्न- निदानात्मक परीक्षण क्या है ? इसके निर्माण की प्रक्रिया लिखिए।
- प्रश्न- निदानात्मक परीक्षण से आप क्या समझते हैं? जीव विज्ञान शिक्षण में इसका क्या महत्व हैं?
- प्रश्न- निदानात्मक परीक्षण क्या है?
- प्रश्न- निदानात्मक परीक्षण के निर्माण के लिए नियोजन प्रक्रिया बताइये।
- प्रश्न- निदानात्मक परीक्षण का निर्माण किस प्रकार करते हैं ?
- प्रश्न- उपचारात्मक शिक्षण क्या है ? जैव विज्ञान शिक्षण में उपचारात्मक शिक्षण आयोजन (व्यवस्था) किस प्रकार किया जा सकता है ?
- प्रश्न- उपचारात्मक शिक्षण क्या है ?
- प्रश्न- निम्नलिखित को संक्षेप में समझाइये - (i) कक्षा शिक्षण, (ii) ट्यूटोरियल शिक्षण, (iii) स्व-अनुदेशित शिक्षण, (iv) अनौपचारिक शिक्षण।
- प्रश्न- जैव विज्ञान शिक्षण में अनौपचारिक प्रविधियों की भूमिका का आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- वस्तुनिष्ठ परीक्षण व व्यक्तिनिष्ठ परीक्षण में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- उपलब्धि परीक्षण की उपयोगिता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- जैव विज्ञान में मूल्यांकन की नवीन अवधारणा समझाइए।
- प्रश्न- निबन्धात्मक परीक्षण के गुण बताइए।
- प्रश्न- मूल्यांकन, मापन एवं परीक्षण को संक्षेप में समझाइए।
- प्रश्न- वस्तुनिष्ठ परीक्षण क्या है ? इसकी विशेषताएँ लिखिए।
- प्रश्न- वस्तुनिष्ठ परीक्षण के उद्देश्य बताइए।
- प्रश्न- परीक्षण के प्रशासन को समझाइये।
- प्रश्न- वस्तुनिष्ठ परीक्षण से आप क्या समझते हैं ? सामाजिक विज्ञान अध्ययन में वस्तुनिष्ठ परीक्षण के गुण-दोषों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- सामाजिक विज्ञान में वस्तुनिष्ठ परीक्षाओं का अर्थ एवं विशेषताओं की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- वस्तुनिष्ठ परीक्षणों का अर्थ बताइए।
- प्रश्न- वस्तुनिष्ठ परीक्षा के गुणों की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- वस्तुनिष्ठ परीक्षण के दोष बताइए।
- प्रश्न- वस्तुनिष्ठ परीक्षाओं की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
- 13 जैव विज्ञान शिक्षक के लिये पेशेवर विकास कार्यक्रम (Professional Development Programmes for a Bioscience Teacher)
- प्रश्न- एक आदर्श जीव विज्ञान शिक्षक में कौन-कौन से गुण एवं योग्यताएँ होनी चाहिए। विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- पेडागॉजिकल विश्लेषण द्वारा एक शिक्षक के शिक्षण प्रक्रिया में सहायता प्रदान करने के लिये किस प्रकार की भूमिका निभायी जाती है, विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- एक जीव विज्ञान शिक्षक के लिए व्यावसायिक विकास क्यों आवश्यक है ? एक जीव विज्ञान शिक्षक किस प्रकार अपना व्यावसायिक विकास कर सकता है ?
- प्रश्न- पेडागॉजिकल विश्लेषण के सोपान लिखिए।
- प्रश्न- कार्यशाला प्रविधि तथा इसके स्वरूप का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जैव विज्ञान अध्यापक शिक्षा के उन्नयन हेतु आवश्यक प्रावधान क्या हैं?
- प्रश्न- जैव विज्ञान शिक्षकों की शिक्षा एवं प्रशिक्षण की आवश्यकताओं पर प्रकाश डालिए।
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