Easy Notes-2019 BA-1 Geography Paper 1 - Hindi book by - Easy Notes - ईजी नोट्स-2019 बी. ए. प्रथम वर्ष भूगोल प्रथम प्रश्नपत्र - ईजी नोट्स
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ईजी नोट्स-2019 बी. ए. प्रथम वर्ष भूगोल प्रथम प्रश्नपत्र

ईजी नोट्स

प्रकाशक : एपसाइलन बुक्स प्रकाशित वर्ष : 2018
पृष्ठ :136
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2009
आईएसबीएन :0

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बी. ए. प्रथम वर्ष भूगोल प्रथम प्रश्नपत्र के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार हिन्दी माध्यम में सहायक-पुस्तक।

छत्रपति साहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के बी. ए. प्रथम वर्ष भूगोल प्रथम प्रश्नपत्र के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार हिन्दी माध्यम में सहायक-पुस्तक।


भौतिक भूगोल : परिचय तथा भू-वैज्ञानिक समय-सारणी

अध्याय का संक्षिप्त परिचय

भौतिक भूगोल, भूगोल की दो प्रमुख शाखाओं में से एक प्रमुख शाखा है, जिसका अध्ययन भूगोल के केन्द्र को प्रदर्शित करता है। प्रारम्भ में भौतिक पर्यावरण (उच्चावच, जल तथा वायु) के क्रमबद्ध अध्ययन को ही भौतिक भूगोल समझा जाता रहा यथा “भौतिक पर्यावरण का अध्ययन ही भौतिक भूगोल है, जो कि ग्लोब के धरातलीय उच्चावच (भू-आकृति विज्ञान), सागर तथा महासागरों (समुद्र विज्ञान) तथा वायु (जलवायु विज्ञान) के विवरणों का अध्ययन करता है।"

वर्तमान में भौतिक भूगोल अन्य. भूविज्ञानों से चयनित विषयों का समन्वय एवं समूहन मात्र हीनहीं है यह भौतिक पर्यावरण तथा मानव के पारस्परिक क्रियाओं के प्रतिरूपों का भी अध्ययन करता है, जो अन्य विज्ञानों जिससे भौतिक भूगोल का सम्बंध है, में नहीं होता है। भूगोल की एक प्रमुख शाखा . के रूप में भौतिक भूगोल पर्यावरणीय तत्वों के स्थानिक प्रतिरूपों तथा स्थानिक सम्बंधों का प्रादेशिक परिवेष में अध्ययन करता है तथा भूतल पर इन प्रतिरूपों के कारणों की व्याख्या भी करता है, साथ ही साथ स्थान तथा समय विशेष में पर्यावरणीय तत्वों के परिवर्तनों की व्याख्या तथा उनके कारणों का अध्ययन करता है।

यदि पृथ्वी की विभिन्न परतों, उनमें पायी जाने वाली चट्टानों, जीव विकास आदि का अध्ययन किया जाय तो यह निष्कर्ष निकलता है कि पृथ्वी की उत्पत्ति के बाद विशेष प्रकार के कई युग हुए हैं, जिनमें विशेष प्रकार की शैलों का जमाव तथा जीवों का विकास हुआ है। इस क्षेत्र में सर्वप्रथम प्रयास फ्रांसीसी वैज्ञानिक बफन (Buffon) का माना जाता है। बफन ने पृथ्वी के इतिहास को सात विभिन्न युगों में प्रस्तुत किया, परन्तु प्रथम युग आज से कितने वर्ष पूर्व प्रारम्भ हुआ, इसके विषय में बफन ने प्रयास नहीं किया। उन्होंने केवल प्रत्येक युग का कार्यकाल ही बताया है।

वर्तमान समय में पृथ्वी के इतिहास को निम्न रूप में व्यक्त किया जाता है। सर्वप्रथम पृथ्वी के इतिहास को बड़े भागों में विभाजित किया जाता है। इस बड़े विभाग को कल्प (era) कहते हैं। प्रत्येक कल्प को पुनः क्रमिक रूप में व्यवस्थित किया गया है तथा इस प्रकार के भाग को युग (epoch)कहते हैं। इन्हें क्रमशः (प्रारम्भ से) प्रथम, द्वितीय, तृतीय तथा चतुर्थ युग कहा जाता है। प्रत्येक युग को पुनः छोटे-छोटे उपविभागों में रखा गया है, जिन्हें शक (periods) कहा गया है। प्रत्येक शक का कुल समय भी निर्धारित किया गया है तथा यह भी बताया जाता है कि अमुक शक कब प्रारम्भ हुआ तथा कब तक चलता रहा। इन विभिन्न शकों के जीव तथा वनस्पतियों के विकास पर भी प्रकाश डाला गया है।

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