बी ए - एम ए >> चित्रलेखा चित्रलेखाभगवती चरण वर्मा
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बी.ए.-II, हिन्दी साहित्य प्रश्नपत्र-II के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार पाठ्य-पुस्तक
प्रश्न- "सा विद्या या विमुक्तये' पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर -
सा विद्या विमुक्तये
(Education is that which Liberates)
“सा विद्या या विमुक्तये" संस्कृत साहित्य की एक सरल सूक्ति है, जिसका उल्लेख हमें वैदिककालीन धर्मग्रन्थों में मिलता है। इसका अर्थ है - 'विद्या वह है, जो मुक्ति प्रदान करे। दूसरे शब्दों में, विद्या वह है जो मानव को शारीरिक, मानसिक एवं आत्मिक बन्धनों से मुक्ति प्रदान करे। उस समय विद्या एक आदर्श थी, जो समाज की आत्मा का बोध कराती थी, उसका मूल मन्त्र 'धर्म' था। इस समय विद्या 'इहलोक' के लिए नहीं बल्कि पारलौकिक शक्तियों के विकास के लिए थी। यही कारण है, इस युग में विद्या को अनेक नामों एवं विश्लेषणों के नाम से सम्बोधित किया गया। जैसे- शिक्षा, ज्ञान, विवेक, बुद्धि चातुर्य, बोध एवं विनय आदि।
वैदिक काल में मनीषियों ने विद्या उस ज्ञान को माना है जो मानव जीवन के सभी क्षेत्रों में अज्ञान का अन्धकार दूर कर, सत्य को उजागर करता है और सम्यक मार्गदर्शन करता है।
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