बी ए - एम ए >> चित्रलेखा चित्रलेखाभगवती चरण वर्मा
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बी.ए.-II, हिन्दी साहित्य प्रश्नपत्र-II के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार पाठ्य-पुस्तक
प्रश्न- आपके अनुसार शिक्षा की सर्वाधिक स्वीकार्य परिभाषा कौन-सी है और क्यों?
उत्तर-
शिक्षा की परिभाषाओं का अध्ययन करने से यह स्पष्ट होता है कि सभी भारतीय व पाश्चात्य विद्वानों ने अपने-अपने दृष्टिकोण से शिक्षा को परिभाषित किया है और सभी की परिभाषाएँ शिक्षा का एक अलग उद्देश्य निश्चित करती हैं। जिसने शिक्षा को जिस रूप में देखा उसने उसी प्रकार शिक्षा को परिभाषित किया। किन्तु हमारी राय से अरस्तू द्वारा दी गयी परिभाषा ही सबसे उपयुक्त है क्योंकि अरस्तू ने अपनी परिभाषा में लिखा है कि - "शिक्षा स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन की रचना करती है।'
इन्होंने अपनी परिभाषा में यह स्पष्ट रूप से कहा है कि शिक्षा वही है जो स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का निर्माण करे। जब व्यक्ति का स्वास्थ्य और मन स्वस्थ रहेगा तो उसका शारीरिक विकास भी अच्छा होगा, जिसमें वह जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने में सफल होगा। इसके अतिरिक्त और भी कुछ प्रमुख विद्वानों ने शारीरिक स्वस्थता पर बल दिया है और यह बात पूर्णतः सत्य भी है कि स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन की रचना होती है और स्वस्थ मन होने पर व्यक्ति अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सकता है। इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि इनके द्वारा दी गयी शिक्षा की परिभाषा सर्वाधिक उपयुक्त है।
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