बी ए - एम ए >> चित्रलेखा चित्रलेखाभगवती चरण वर्मा
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बी.ए.-II, हिन्दी साहित्य प्रश्नपत्र-II के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार पाठ्य-पुस्तक
प्रश्न- अध्यापक-निर्देशिकाओं तथा शिक्षण सामग्री के महत्त्व से आप क्या समझते हैं?इस सम्बन्ध में कोठारी आयोग के सुझाव बताइये।
उत्तर-
अध्यापक के सही मार्ग-दर्शन के लिए पाठ्य-पुस्तकों की मार्गदर्शिका बनाई जाये तथा शिक्षण हेतु शिक्षण सामग्री का निर्माण कराया जाये। इस सम्बन्ध में कोठारी आयोग ने निम्न सिफारिशें की हैं-
(1) उत्तम पाठ्य-पुस्तकों तथा अन्य शिक्षण से सम्बन्धित पाठ्य सामग्री को कम-से-कम मूल्यों पर उपलब्ध कराना चाहिये।
(2) अध्यापकों के लिये मार्गदर्शिकाओं एवं शिक्षण-सामग्री व पाठ्य-पुस्तकों की पूर्ति की जाये।
(3) प्रत्येक स्तर के विद्यालय में शिक्षण के लिए आवश्यक सहायक सामग्री की सूची बनाई जाये तथा ये सामग्री प्रत्येक विद्यालय में उपलब्ध हो।
(4) आकाशवाणी केन्द्रों से सम्बन्ध स्थापित करके पाठ्य सामग्री के प्रसारण एवं अध्यापक व छात्रों के लिये मुद्रित सामग्री से सम्बन्धित प्रसारण सूचनायें उपलब्ध करानी चाहिये।
(5) अध्यापकों को स्वयं निर्मित शिक्षण सामग्री सस्ती एवं स्थानीय से उपलब्ध होनी चाहिये। महंगी सामग्री को दो या तीन विद्यालय मिलकर खरीदें।
(6) अध्यापकों को सहायक सामग्री तैयार करने के लिए विशेष प्रशिक्षण देना होगा।
(7) विद्यालय की कार्यशालाओं में अध्यापकों को अपनी शिक्षण सामग्री अपनी आवश्यकतानुसार निर्मित करनी चाहिये।
कोठारी आयोग ने अध्यापक के मार्ग-दर्शन के लिए आवश्यक सामग्री के महत्त्व पर कहा है कि-अच्छी पाठ्य-पुस्तकें होना ही काफी नहीं है। अध्यापक निर्देशिकाओं तथा अन्य अनुदेशीय सामग्री द्वारा इनकी सम्पूर्ति होनी चाहिये।
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